कालेज से निष्काषित स्टूडैंट का प्रोफैसर पर एसिड अटैक!!!!
जालंधर/ टीवी सीरियल्स हमारे जीवन के प्रेरणा के स्त्रोत हैं, लेकिन यदि सीरियल्स की आपराधिक घटनाओं को असल जीवन में कोई अपनाए तो यह समाज के लिए काफी घातक साबित होती है। देश के राज्य पंजाब के सबसे महत्वपूर्ण शहर में मंगलवार को टीवी सीरियल बिग बॉस से प्रेरित एक ऐसी ही घटना हुई जिसने समाज को हिलाकर रख दिया।
करीब एक माह पूर्व केसीएल से निष्काषित बीसीए 5वें समैस्टर के स्टूडैंट गोपाल नगर, जालंधर निवासी हर्षवर्धन ने कम्यूटर लैब में आकर अपनी प्रोफैसर पर अपना यूरिन यानि कि पेशाब फैंक मारा। घटना ठीक वैसी ही थी जैसी बिग बॉस में स्वामी ओम ने अपनी सहभागी पर अपना पेशाब दे मारा था।
प्रोफैसर पर स्टूडैंट का यह यूरिन अटैक किसी एसिट अटैक से कम नहीं माना जा रहा। कानूनविद भी इससे सहमत हैं कि यूरिन में भी एक खास प्रकार का एसिड जैसे यूरिक एसिड व अन्य ररसायन होते हैं जिससे स्किन की कई प्रकार की बीमारियां हो सकती है।
जानकारी मिली है कि संस्थान ने फिलहाल राजनीतिक दवाब का इस्तेमाल करके घटना को दबा दिया है। वहीं, पुलिस ने ऐसे किसी मामले की जानकारी होने से साफ इंकार कर दिया है जबकि सूत्र बताते है कि पुलिस ने आरोपी युवक को सबक सिखाने के लिए उसके खिलाफ ठगी का मामला दर्ज करवाया जा रहा है। हालांकि सारा वाक्या स्टूडैंट्स की आंखों के सामने हुआ। सभी के सामने आरोपी ने यूरिन फैंककर कहा कि अब उसका बदला पूरा हो गया है। तूने मुझे निष्काषित करवाकर मेरी जिंदगी बर्बाद की, अब मेरी तरह तू भी किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेगी।
सूत्रों की पुष्टि व मौके पर मौजूद विजिटरों के अनुसार घटना के बाद आरोपी छात्र को काबू करके पुलिस के हवाले तो कर दिया गया लेकिन कार्रवाई को लेकर काफी देर तक सशंय का माहौल बना रहा। अब क्योंकि घटना के बाद संस्थान की आंतरिक सुरक्षा को लेकर समाज में सवाल खड़े होने थे और प्रोफैसर की भी बदनामी होनी तय थी इसलिए संस्थान के स्टाफ, स्टूडैंट्स आदि जो कि चश्मदीद गवाहों थे, को भी प्रभाव में लेकर चुप करवा दिया गया है।
सारा दिन संस्थान इस घटना को लेकर यहां-वहां अपनी सफाई देता रहा मगर समाज में इस शर्मनाक घटना को लेकर चर्चा आम हो रही है क्योंकि चश्मदीद स्टूडैंट्स ने घटना को अपने परिजनों के साथ शेयर करना ही था। एक पूर्व डीआईजी ने इस घटना की सच्चाई को रोकने व दबाने के लिए पुलिस के साथ पूरा तालमेल बैठाए रखा और पहले से ही राजनेताओं के प्रभाव वाली पुलिस उनके इशारों पर नाचती दिखाई दी और सच्चाई तक पहुंचने का कोई प्रयास नहीं किया।
उधर, सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि आखिर कैसे अनुशासन के दावे वाले संस्थान के भीतर कोई स्टूडैंट बिना अनुमति से प्रवेश होकर घटना को अंजाम दे गया। अन्य स्टूडैंट्स के अभिभावकों तक यह बात उनके जरिए ही पहुंच चुकी है। ऐसे में वह भी अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो रहे हैं। चिंता सताने लगी है कि यदि आज प्रोफैसर सुरक्षित नहीं तो उनके बच्चों पर तो खतरा हल पल बना रहेगा।